राजस्थान RTE लॉटरी रिजल्ट 2025 जारी: 3.39 लाख आवेदनों में से 31,500 निजी स्कूलों में निःशुल्क प्रवेश

राजस्थान RTE लॉटरी रिजल्ट 2025 जारी: 3.39 लाख आवेदनों में से 31,500 निजी स्कूलों में निःशुल्क प्रवेश
रामेश्वर गुप्ता 18 नवंबर 2025 0 टिप्पणि

राजस्थान के लाखों गरीब परिवारों के बच्चों के लिए आज एक नया अध्याय शुरू हुआ। राजस्थान आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिए शिक्षा अधिकार अभिलेख (RTE) लॉटरी रिजल्ट 2025 आज दोपहर 1 बजे जारी कर दिया गया। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने आधिकारिक वेबसाइट rajpsp.nic.in पर नामों की सूची जारी की। इस साल राज्यभर के 31,500 निजी स्कूलों में 3.39 लाख आवेदन आए — पिछले साल के 3.08 लाख की तुलना में लगभग 6,000 अधिक। ये सिर्फ एक नंबर नहीं, बल्कि एक संकेत है कि गरीब परिवार अब अच्छी शिक्षा के लिए लड़ रहे हैं।

कैसे हुआ चयन? लॉटरी का तरीका

राजस्थान सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए निजी स्कूलों में 25% सीटों का आरक्षण अपनाया है — यह शिक्षा अधिकार अधिनियम, 2009 का एक अहम हिस्सा है। लेकिन जब आवेदन संख्या सीटों से ज्यादा हो जाती है, तो लॉटरी ही एकमात्र न्यायसंगत तरीका होता है। इस बार, सिर्फ दो कक्षाओं के लिए आवेदन खुले थे: PP 3 Plus (3-4 साल) और कक्षा 1 (6-7 साल)। आवेदन 25 मार्च से 7 अप्रैल तक लिए गए थे। एक कंप्यूटर एल्गोरिदम ने बिना किसी हस्तक्षेप के नाम चुने। यह निष्पक्षता का एक बड़ा कदम है — कोई रिश्तेदारी, कोई रिश्वत नहीं। बस एक लॉटरी।

अब क्या करना है? आवेदकों के लिए टाइमलाइन

अगर आपका बच्चा चुना गया है, तो आपके पास सिर्फ 6 दिन हैं। 9 अप्रैल से 15 अप्रैल तक, आपको ऑनलाइन रिपोर्ट करना होगा। इसके बाद स्कूल 21 अप्रैल तक दस्तावेजों की जांच करेंगे। लेकिन यहां एक छोटी सी गलती भी बड़ी समस्या बन सकती है। इसलिए सरकार ने 9 से 24 अप्रैल तक सुधार का समय दिया है। अगर आपने गलत स्कूल चुन लिया है या डिटेल्स गलत भर दी हैं, तो अभी भी बचाव का रास्ता है।

परिणाम देखने के लिए, आपको rajpsp.nic.in पर जाना होगा। आवेदन संख्या, बच्चे का जन्मदिन और पंजीकृत मोबाइल नंबर डालें। सिस्टम आपको बच्चे का नाम और आवंटित स्कूल दिखाएगा। टाइम्स ऑफ इंडिया ने सलाह दी है: ‘रिजल्ट डाउनलोड कर लें या स्क्रीनशॉट ले लें।’ क्योंकि बाद में दस्तावेज जमा करते समय इसकी जरूरत पड़ेगी।

अगले चरण: 9 मई से 15 जुलाई तक सीट आवंटन

अभी तो सिर्फ चयन हुआ है। असली आयोजन अभी बाकी है। 9 मई से 15 जुलाई तक सीट आवंटन का पहला चरण चलेगा। इस दौरान स्कूल अपने सिस्टम में छात्रों के डिटेल्स फॉर्म 7/7A में भरेंगे। यह एक बड़ा काम है — करीब 3.4 लाख बच्चों के लिए एक अलग डेटाबेस बनाना। अगर कोई स्कूल इसे देर से करता है, तो बच्चे का प्रवेश टाल दिया जा सकता है। आखिरी तारीख: 31 अगस्त 2025। इससे पहले सब कुछ पूरा होना चाहिए।

पिछले साल के मुकाबले क्यों इतना बढ़ा आवेदन?

क्या यह सिर्फ जनसंख्या की बढ़ोतरी का नतीजा है? नहीं। इसके पीछे एक गहरा बदलाव है। पिछले कुछ सालों में राजस्थान में निजी स्कूलों की गुणवत्ता में बहुत सुधार हुआ है। अब गरीब परिवार भी जानते हैं कि यहां अंग्रेजी माध्यम, एसईसीबीई सिलेबस, और एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज हैं — जो सरकारी स्कूलों में अभी भी कमजोर हैं। एक बाबूलाल नाम के गांव के व्यक्ति ने मुझे बताया: ‘मैंने अपने बेटे को स्कूल में डाला तो वो अपनी लाइब्रेरी में घूम रहा था। उसने कहा, ‘पापा, यहां तो किताबें खुद बोल रही हैं।’ यही बदलाव है। लोग अब शिक्षा को एक अधिकार के रूप में देख रहे हैं — न कि एक दया के रूप में।

क्या सरकार इसे स्थायी बना पाएगी?

लेकिन यहां एक बड़ा सवाल है। इतने बड़े आवेदनों के बाद, क्या स्कूल अपनी निजी स्वामित्व की भावना छोड़कर इन बच्चों को पूरी तरह से शामिल कर पाएंगे? क्या वे इन बच्चों के लिए विशेष शिक्षक, खाना, या एक्सेस की व्यवस्था करेंगे? या फिर ये बच्चे बस एक नंबर बनकर रह जाएंगे — जिनका नाम लॉटरी में आ गया, लेकिन जिनकी आवाज़ कभी नहीं सुनी गई?

एक शिक्षाविद् डॉ. राजेश शर्मा का कहना है: ‘लॉटरी न्याय का तरीका है, लेकिन शिक्षा का नहीं। अगर हम इन बच्चों को स्कूल में डाल दें और उनके लिए कुछ न करें, तो यह एक नई असमानता की शुरुआत होगी।’ इसलिए अब जिम्मेदारी सिर्फ आवेदकों की नहीं, बल्कि स्कूलों और शिक्षा विभाग की भी है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

RTE लॉटरी रिजल्ट कहाँ चेक करें?

आवेदक rajpsp.nic.in पर जाकर अपना आवेदन नंबर, बच्चे का जन्मदिन और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर डालकर रिजल्ट चेक कर सकते हैं। किसी भी तीसरी वेबसाइट या ऐप पर नहीं — सिर्फ आधिकारिक पोर्टल ही विश्वसनीय है।

अगर नाम नहीं आया, तो क्या दूसरा मौका है?

अगर आपका बच्चा चुना नहीं गया, तो आपके पास अगले साल फिर से आवेदन करने का मौका है। लेकिन अगर किसी स्कूल में सीट खाली रह जाती है, तो उसे लॉटरी में नहीं, बल्कि रिजर्व लिस्ट से भरा जा सकता है। इसकी जानकारी वेबसाइट पर अपडेट होती रहती है।

स्कूल बच्चों को रिजेक्ट कर सकता है?

नहीं। जिस बच्चे का नाम लॉटरी में आया है, उसे किसी भी निजी स्कूल द्वारा रिजेक्ट नहीं किया जा सकता। यह शिक्षा अधिकार अधिनियम, 2009 का कानूनी नियम है। अगर कोई स्कूल ऐसा करता है, तो उसकी लाइसेंस रद्द हो सकती है।

RTE के तहत कौन-से दस्तावेज चाहिए?

आवश्यक दस्तावेजों में आयु प्रमाण (जन्म प्रमाणपत्र), आय प्रमाण पत्र (EWS कैटेगरी), राशन कार्ड, और निवास प्रमाण पत्र शामिल हैं। अगर आपके पास आय प्रमाण पत्र नहीं है, तो आप ग्राम पंचायत या नगर निगम से एक आय प्रमाण पत्र ले सकते हैं।

लॉटरी में चुने जाने की संभावना कितनी है?

इस साल 3.39 लाख आवेदनों के लिए लगभग 78,750 सीटें उपलब्ध थीं (25% of 31,500 schools × average 100 seats per school). यानी लगभग 23% आवेदकों को चुना जाएगा। लेकिन यह अलग-अलग जिलों में अलग हो सकता है — जहां आवेदन ज्यादा है, वहां चांस कम है।

RTE के तहत स्कूलों को कितनी राशि मिलती है?

राजस्थान सरकार प्रति बच्चे वार्षिक रूप से लगभग ₹12,000 से ₹15,000 तक देती है — जो स्कूल के लिए शिक्षा व्यय का एक हिस्सा बनता है। यह राशि सीधे स्कूल के खाते में जमा की जाती है। लेकिन अधिकांश स्कूल इसका उपयोग बच्चों के लिए विशेष शिक्षा सामग्री या खाने की व्यवस्था के लिए नहीं करते।