Mahindra XEV 9e और BE 6e: लॉन्च से पहले पूरी तस्वीर—रेंज, फीचर, परफॉर्मेंस

रिपोर्ट: रामेश्वर
प्रिमियम इलेक्ट्रिक SUV सेगमेंट में भारतीय खिलाड़ी अब पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतर रहा है। महिंद्रा ने अपनी Born Electric लाइन-अप की दो कारों—Mahindra XEV 9e और BE 6e—की झलक और अहम जानकारी साझा कर दी है। फोकस साफ है: अलग डिजाइन, समर्पित EV प्लेटफॉर्म, लंबी रेंज और फीचर्स का ठोस पैकेज।
डिज़ाइन, प्लेटफॉर्म और परफॉर्मेंस
दोनों SUVs महिंद्रा के INGLO प्लेटफॉर्म पर बनी हैं। यही प्लेटफॉर्म कंपनी की Born Electric सोच की नींव है—स्केटबोर्ड लेआउट, फ्लैट फ्लोर, बीच में बैटरी पैक और व्हील-बेस व ओवरहैंग का स्मार्ट बैलेंस। इसका फायदा सीधा-सीधा स्पेस, राइड क्वालिटी और हाई-स्पीड स्थिरता में दिखता है। यहां कोई पुरानी ICE कार को EV में बदला नहीं गया, बल्कि शुरुआत से इलेक्ट्रिक आर्किटेक्चर पर डिजाइन की गई बॉडी और चेसिस दिखती है।
XEV 9e का रूप रेखाचित्र XUV.e9 कॉन्सेप्ट से आता है—कूपे-स्टाइल सिल्हूट, स्लीक LED सिग्नेचर और मॉडर्न सरफेसिंग के साथ। दूसरी तरफ BE 6e, BE.05 कॉन्सेप्ट से प्रेरित है—ज्यादा एंगुलर, स्पोर्टी और मसल्ड लुक। दोनों में एयरो का खास ध्यान रखा गया है ताकि हाईवे पर बेहतर रेंज और कम विंड नॉइज़ मिले।
पावरट्रेन सेटअप में स्टैंडर्ड रियर-व्हील-ड्राइव मिलता है। मोटर आउटपुट 228 bhp से 286 bhp तक जाएगा, वेरिएंट के हिसाब से। XEV 9e के लिए दो खास विकल्प तय हैं—231PS मोटर (380Nm) के साथ 59kWh बैटरी, और 286PS मोटर (380Nm) के साथ 79kWh पैक। टॉर्क फिगर दोनों में 380Nm ही है, पर टॉप-एंड वेरिएंट की पावर डिलीवरी ज्यादा तत्पर और हाईवे ओवरटेकिंग के लिए बेहतर है। कंपनी का दावा है कि हाई-स्पेक XEV 9e 0-100 किमी/घं. सिर्फ 6.8 सेकंड में कर लेगी—यह स्प्रिंट टाइम इस क्लास के लिए दमदार है।
ड्राइव मोड्स—Range, Everyday और Race—सिर्फ थ्रॉटल रिस्पॉन्स नहीं बदलते; वे रिकूपरेटिव ब्रेकिंग, पावर लिमिटिंग और क्लाइमेट लोड को भी ट्यून करते हैं। एडजस्टेबल रीजनरेटिव ब्रेकिंग शहर में वन-पेडल-जैसा अनुभव देती है और ऊर्जा वापस बैटरी में भेजती है। जिन लोगों का रोज का ट्रैफिक भारी है, वे हाई-रीजन मोड से ब्रेक पैड पहनाव घटा सकेंगे और माइलेज भी सुधार पाएंगे।
चूंकि यह Born Electric प्लेटफॉर्म है, बैटरी पैक फ्लोर में लो-डाउन फिट होता है। इससे सेंटर ऑफ ग्रैविटी नीचे जाता है और बॉडी रोल कम होता है। रियर-ड्राइव लेआउट कॉर्नरिंग में नेचुरल बैलेंस देता है। यह कॉम्बिनेशन लंबे हाईवे रन और टेढ़े-मेढ़े पहाड़ी रास्तों, दोनों पर भरोसा जगाता है।

बैटरी, चार्जिंग, केबिन टेक और सेफ्टी
बैटरी के मोर्चे पर दो साफ विकल्प हैं—59kWh और 79kWh। दोनों LFP (लिथियम फेरो फॉस्फेट) केमिस्ट्री पर आधारित हैं। LFP की खासियत है थर्मल स्थिरता, ज्यादा चार्ज-डिस्चार्ज सायकल और सुरक्षा। बदले में एनर्जी डेंसिटी NMC से कम होती है, पर ऑपरेटिंग सेफ्टी और लाइफ बढ़ जाती है—भारतीय मौसम और ट्रैफिक पैटर्न के हिसाब से यह चुनाव समझ आता है।
रेंज आंकड़े, MIDC टेस्ट कंडीशंस पर, आकर्षक हैं—XEV 9e तक 656 किमी और BE 6e तक 682 किमी। असल दुनिया में, हाईवे पर 90-100 किमी/घं. की स्थिर स्पीड, सही टायर प्रेशर और हल्के थ्रॉटल से चलें तो आप इन नंबरों के करीब पहुंच सकते हैं। शहर के स्टॉप-गो ट्रैफिक में रेनेरेटिव ब्रेकिंग का समझदारी से उपयोग रेंज बचा सकता है।
चार्जिंग टेक्नोलॉजी इस पैकेज का मजबूत हिस्सा है। DC फास्ट-चार्जिंग सपोर्ट 175-180kW तक जाता है, और 20-80% चार्ज सिर्फ 20 मिनट में भर सकता है—सही हाई-पावर चार्जर मिलने पर। यह लंबी दूरी की यात्रा में समय बचाता है: एक छोटी कॉफी ब्रेक में बैटरी आराम से टॉप-अप हो जाती है। AC चार्जिंग के लिए 7.2kW ऑनबोर्ड चार्जर है—59kWh पैक को लगभग 8 घंटे 42 मिनट और 79kWh पैक को 11 घंटे 42 मिनट लगेंगे। व्यावहारिक रूप से, रात में घर पर प्लग इन करें और सुबह फुल चार्ज के साथ निकलें—यही EV अपनाने का सबसे आसान तरीका है।
भारत में अभी 180kW हाई-पावर चार्जर हर जगह नहीं हैं। मेट्रो शहरों और कुछ हाईवे कॉरिडोर पर यह नेटवर्क बढ़ रहा है, पर छोटे शहरों में अभी 30-60kW स्टेशनों का बोलबाला है। अच्छी बात यह है कि 79kWh बैटरी की लंबी रेंज हाई-पावर चार्जर की कमी का दबाव कम करती है। रोड-ट्रिप प्लानिंग के लिए ऐप-बेस्ड चार्जिंग नेटवर्क का इस्तेमाल समझदारी है—स्टेशन की उपलब्धता, पावर रेटिंग और कतार समय पहले ही देख लें।
केबिन में टेक्नोलॉजी शो-स्टॉपर है। XEV 9e में तीन 12.3-इंच स्क्रीन—ड्राइवर डिस्प्ले, सेंट्रल इंफोटेनमेंट और फ्रंट पैसेंजर डिस्प्ले—का सेटअप है। यह लेआउट इंफोटेनमेंट, नेविगेशन और मीडिया को साफ-सुथरे तरीके से अलग कर देता है। वायरलेस फोन चार्जिंग, कनेक्टेड-कार सूट, ड्युअल-ज़ोन ऑटो क्लाइमेट कंट्रोल और पैनोरमिक सनरूफ जैसे कम्फर्ट फीचर्स इसे प्रिमियम बनाते हैं। ऑडियो के शौकीनों के लिए 16-स्पीकर हार्मन कार्डन सिस्टम दिया गया है, जो हाई-रिज़ॉल्यूशन म्यूजिक पर अपनी काबिलियत दिखाता है।
BE 6e में डुअल-इंटीग्रेटेड स्क्रीन सेटअप मिलेगा—फोकस सिंपल, साफ UI और टच-फर्स्ट इंटरफेस पर है। दोनों SUVs OTA (ओवर-द-एयर) अपडेट सपोर्ट करती हैं। इससे फंक्शनलिटी समय के साथ और बढ़ती है—नई फीचर रोल-आउट, बग फिक्स, मैप अपडेट, और कभी-कभी बैटरी/थर्मल मैनेजमेंट ट्यूनिंग भी।
ADAS की बात करें तो XEV 9e में लेवल-2 सूट मिलता है—एडाप्टिव क्रूज़ कंट्रोल, लेन कीप असिस्ट और ऑटोनॉमस इमर्जेंसी ब्रेकिंग जैसे फीचर शामिल हैं। ये सिस्टम खतरे को पूरी तरह खत्म नहीं करते, पर ड्राइवर की मदद करते हैं—लंबी ड्राइव पर थकान घटाते हैं और आकस्मिक हालात में रिएक्शन टाइम सुधारते हैं। 360-डिग्री कैमरा, हिल डिसेंट कंट्रोल, इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल, हिल-होल्ड, और ISOFIX चाइल्ड सीट माउंट्स सुरक्षा जाल को और मजबूत करते हैं।
सुरक्षा रेटिंग पर महिंद्रा ने बड़ा स्कोर किया है। 2025 में Bharat NCAP पर XEV 9e को 5-स्टार रेटिंग मिली, एडल्ट ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन में 32.00/32.00 और चाइल्ड सेफ्टी में 45.00/49.00 के साथ। यह आंकड़े सिर्फ मार्केटिंग लाइन नहीं हैं, बल्कि स्ट्रक्चरल रिगिडिटी, एयरबैग कैलिब्रेशन, एन्क्लोजर इंटीग्रिटी और सीटबेल्ट रिमाइंडर सिस्टम जैसी डिटेल इंजीनियरिंग का परिणाम हैं। परिवार के साथ लंबी यात्रा करने वालों के लिए यह भरोसा महत्वपूर्ण है।
मार्केट पोजिशनिंग साफ तौर पर प्रिमियम की तरफ है। लक्षित ग्राहक वे हैं जो परफॉर्मेंस, लंबी रेंज, हाई-टेक केबिन और ब्रांड विश्वसनीयता एक साथ चाहते हैं। मुकाबले में आप जिन नामों को देखेंगे, उनमें Hyundai Ioniq 5, Kia EV6, BYD Atto 3, MG ZS EV के हाई-स्पेक वेरिएंट और आने वाली Tata Harrier/Curvv EV जैसी SUV शामिल होंगी। महिंद्रा का फायदा है—इंडियन रोड-कंडीशंस और सर्विस नेटवर्क को लेकर गहरी समझ, साथ ही घरेलू उत्पादन पर ध्यान, जो सप्लाई और पार्ट्स उपलब्धता को स्थिर रखता है।
कीमत और लॉन्च टाइमलाइन कंपनी आधिकारिक तौर पर बताएगी। उद्योग के अनुमान इस सेगमेंट में कीमतों को प्रिमियम ब्रैकेट में रखते हैं, जहां लंबी रेंज और हाई-स्पेक हार्डवेयर का सीधा असर ओन-रोड प्राइस पर पड़ता है। EV खरीद में फिलहाल 5% GST और कई राज्यों में रोड टैक्स/रजिस्ट्रेशन राहत जैसे फायदे मिलते हैं—यह टोटल कॉस्ट ऑफ ओनरशिप को पेट्रोल-डीजल SUVs के मुकाबले प्रतिस्पर्धी बनाता है। रोजाना 40-60 किमी चलने वालों के लिए होम चार्जिंग का खर्च, फास्ट-चार्जिंग की तुलना में, काफी कम बैठता है।
ओनरशिप अनुभव में OTA अपडेट्स का एक और लाभ है—कार समय के साथ बेहतर होती है। कई फीचर बिना वर्कशॉप विजिट के मिल जाते हैं, जिससे सर्विस डाउनटाइम घटता है। बैटरी वारंटी का आधिकारिक ब्योरा लॉन्च पर साफ होगा; आमतौर पर निर्माता 8 साल या तय किलोमीटर तक का कवर ऑफर करते हैं।
यूज़र-फ्रेंडली डिटेलिंग भी मायने रखती है—कुशनिंग, NVH कंट्रोल, सॉफ्ट-टच सरफेस, और रोजमर्रा के स्टोरेज पॉइंट्स (जैसे डीप डोर पॉकेट, बड़ा सेंटर कंसोल, केबिन में USB-C/टाइप-A पोर्ट्स) इस सेगमेंट में निर्णायक साबित होते हैं। XEV 9e का ट्रिपल-स्क्रीन सेटअप फ्रंट पैसेंजर को भी एंटरटेनमेंट/नेविगेशन कंट्रोल देता है, जो परिवार के साथ ड्राइव में काम आता है।
जो ग्राहक पहली बार EV लेने पर विचार कर रहे हैं, उनके लिए बुनियादी चेकलिस्ट स्पष्ट है—घर/ऑफिस में 15A सॉकेट या समर्पित AC चार्जर की उपलब्धता, आपकी सामान्य दैनिक माइलेज, अपार्टमेंट/गेटेड कम्युनिटी की चार्जिंग नीति, और आसपास के पब्लिक चार्जर का मैप। 59kWh पैक शहरों और सप्ताहांत की छोटी यात्राओं के लिए पर्याप्त है; 79kWh पैक हाईवे ट्रैवल और कम चार्जिंग स्टॉप चाहने वालों के लिए ज्यादा सहज है।
महिंद्रा के लिए यह लॉन्च सिर्फ नई कारें नहीं, बल्कि ब्रांड की दिशा बदलने का इशारा है—यूटिलिटी और ऑफ-रोड DNA वाले निर्माता से टेक-फॉरवर्ड, डिजाइन-लीड EV प्लेयर तक का संक्रमण। INGLO प्लेटफॉर्म की स्केलेबिलिटी बताती है कि आगे और बॉडी-स्टाइल, अलग पावरट्रेन और नए सेगमेंट में प्रवेश की गुंजाइश खुली है।
संक्षेप में, XEV 9e और BE 6e उस ग्राहक को लक्षित करती हैं जो एक EV में तेज प्रदर्शन, भरोसेमंद रेंज, फ्यूचर-प्रूफ टेक और सुरक्षा का ठोस पैकेज चाहता है। भारत में चार्जिंग इकोसिस्टम तेजी से बढ़ रहा है; ऐसे में 175-180kW DC सपोर्ट जैसी क्षमताएं आने वाले वर्षों में और उपयोगी साबित होंगी। अब नजर लॉन्च, वैरिएंट ब्रेक-अप और कीमतों पर रहेगी—यही तीन बातें तय करेंगी कि ये SUVs सिर्फ स्पेस शीट पर नहीं, बिक्री चार्ट पर भी टॉप पर रहें।